Русские видео

Сейчас в тренде

Иностранные видео


Скачать с ютуб TARAGARH FORT | रानी महल में आज भी दिखते है गुप्त तहखाने, जिसने रानियाँ अपने हीरे-जवाहरात छुपाती थी। в хорошем качестве

TARAGARH FORT | रानी महल में आज भी दिखते है गुप्त तहखाने, जिसने रानियाँ अपने हीरे-जवाहरात छुपाती थी। 2 месяца назад


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru



TARAGARH FORT | रानी महल में आज भी दिखते है गुप्त तहखाने, जिसने रानियाँ अपने हीरे-जवाहरात छुपाती थी।

TARAGARH FORT | रानी महल में आज भी दिखते है गुप्त तहखाने, जिसने रानियाँ अपने हीरे-जवाहरात छुपाती थी।‪@Gyanvikvlogs‬ 📌You can join us other social media 👇👇👇 💎INSTAGRAM👉  / gyanvikvlogs   💎FB Page Link 👉  / gyanvikvlogs   तारागढ़ दुर्ग अरावली की ऊंची पहाड़ियों में से एक नागपहाड़ी पर बना एक शानदार दुर्ग है। इसे बूंदी का किला भी कहते हैं। चौदहवीं सदी में बूंदी के संस्थापक राव देव हाड़ा ने इस विशाल और खूबसूरत दुर्ग का निर्माण कराया था। चौदहवीं सदी के मध्य में बना यह शानदार ऐतिहासिक दुर्ग आज भी बूंदी के पर्यटन को वैश्विक स्तर प्रदान करता है। इस दुर्ग को बूंदी नरेश ने अपनी रियासत की शत्रुओं से पूरी तरह सुरक्षा के लिए ही निर्मित कराया था। इसलिए देश के सबसे सुरक्षित किलों में यह एक है। किले का निर्माण करने के लिए पहाड़ी के एक सिरे को पूरी तरह ढलवां बना दिया गया था और फिर इसे कगार पर बनाया गया। लंबे समय तक इस दुर्गम और दृढ सुरक्षित दुर्ग ने बूंदी रियासत की हिफाजत की। जर्जर कर दिया समय ने वक्त के थपेड़ों से जर्जर हालात तक पहुंच चुके इस भव्य दुर्ग का इतिहास बहुत रौशन है। भारत के दक्षिण पूर्व हाडौती इलाके में बना यह सबसे प्राचीन और विशालतम दुर्ग है। वर्तमान में हरी भरी पहाड़ियों और जंगली इलाके से घिरा यह दुर्ग मौजूदा दौर की उपेक्षा झेल रहा है। तारागढ़ दुर्ग कोटा से 39 किमी की दूरी पर स्थित है। इस शानदार दुर्ग का निर्माण 1354 में किया गया था। पहाड़ी की खड़ी ढलान पर बने इस दुर्ग में प्रवेश करने के लिए तीन विशाल द्वार बनाए गए हैं। इन्हें लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा और गागुड़ी का फाटक के नाम से जाना जाता है। तेरहवीं चौदहवीं सदी में बने इन विशालकाय दरवाजों में अब तरेड़ें पड़ने लगी हैं और अंधिकांश भाग खंडहर हो गया है। इतिहास के सुनहरे दौर में यह ’स्टार फोर्ट’ सुरंगों के लिए बहुत प्रसिद्ध था। हालांकि अब ये सुरंगें बंद हो गई हैं और नक्शे के अभाव में इनकी खोज कर पाना अत्यंत जटिल काम है। बूंदी की चौकसी के लिए शहर के मुकुट भांति खड़े इस शानदार दुर्ग को राजस्थान के इतिहास लेखाकार कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान का गहना कहा था। बूंदी शहर की स्थापना हाड़ा चौहान राजपूत कबीले के राज देवा ने 1341 में की थी। इसके बाद विभिन्न शासकों ने बूंदी और तारागढ़ पर राज किया। सोलहवीं सदी में तारागढ़ में कई निर्माण कार्य कराए गए। अपनी निर्मिति के बाद लगातार 200 वर्ष तक इस किले में विकास और निर्माण के कई कार्य कराए गए, जिससे यह दुर्ग फैलता गया। राजस्थान के अन्य किलों की तुलना में इस दुर्ग पर मुगल स्थापत्य कला का कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं देता। यह दुर्ग ठेठ राजपूती स्थापत्य व भवन निर्माण कला से बना हुआ है। गढ और महलों के शीर्ष व गुंबद, छतें, मंदिरों के मंडप, जगमोहन, स्तंभ आदि खालिस राजपूत शैली के अप्रतिम और दुर्लभ उदाहरण हैं। कई स्थानों पर स्थापत्य में दर्शाए हाथी और कमल के फूल राजपूती स्थापत्य के ही प्रतीक हैं। एक खास बात और है जो इस किले को राजस्थान के अन्य दुर्गों से अलग करती है। राजस्थान के अधिकांश दुर्ग पीले बलुआ पत्थर से बने हैं। जबकि इस दुर्ग के निर्माण में बलुआ पत्थर का प्रयोग आंशिक तौर पर ही किया गया है। स्थानीय क्षेत्र में उत्खनित होने वाले जटिल संगठनयुक्त हरे रंग के टेढ़ा पत्थर का प्रयोग ज्यादा हुआ है। हालांकि यह पत्थर बारीक नक्काशी के लिए नहीं जाना जाता लेकिन इस पत्थर पर तारागढ दुर्ग में नक्काशी देखकर इतिहासकारों और स्थापत्य के जानकारों को भी हैरानी होती है। दुर्ग के भित्ति चित्र भी बहुत प्रभावी हैं। #Taragarhfort #RaniMahal #BundiFort #BundiRiyasat #Gyanvikvlogs #RajasthanForts #TaragarhQilaBundi #BundiHeritage #BundiPalace #exploreTaragarhfort #HistoryofBundiFort #तारागढ़_किले_का_इतिहास

Comments