Русские видео

Сейчас в тренде

Иностранные видео


Скачать с ютуб आदि शक्ति विराट विश्वकर्मा ही प्रभु श्री राम के रूप में अयोध्या में जन्म लिए : दयाल विश्वकर्मा в хорошем качестве

आदि शक्ति विराट विश्वकर्मा ही प्रभु श्री राम के रूप में अयोध्या में जन्म लिए : दयाल विश्वकर्मा 7 месяцев назад


Если кнопки скачивания не загрузились НАЖМИТЕ ЗДЕСЬ или обновите страницу
Если возникают проблемы со скачиванием, пожалуйста напишите в поддержку по адресу внизу страницы.
Спасибо за использование сервиса savevideohd.ru



आदि शक्ति विराट विश्वकर्मा ही प्रभु श्री राम के रूप में अयोध्या में जन्म लिए : दयाल विश्वकर्मा

ॐ विश्वकर्मणे नमः⚜💞⚜ #विश्वकर्मा_वंशीय समाज के आदिदेव सृष्टि के #शिल्पकार भगवान #विश्वकर्मा हैं जिनके 5 मानस पुत्र #मनु, #मय, #त्वष्टा, #शिल्पी व #दैवज्ञ हुए। मनु से #लौहकार (लोहे का काम करने वाले), मय से #काष्ठकार (लकड़ी का काम करने वाले), त्वष्टा से #ठठेरा (धातुओं से वर्तन का काम करने वाले), शिल्पी से #मूर्तिकार जिन्हें #शिल्पकार कहते हैं (पत्थर का काम करने वाले) और दैवज्ञ से #स्वर्णकार (सोने के आभूषण आदि का काम करने वाले हुए। शिल्प कार्यों के साथ ही इस समाज के लोग वेदपाठी होते थे अतः इनमें दो गुण विद्यमान थे 1-वेदों का ज्ञान 2-शिल्प कार्यों का ज्ञान इसीलिए इनके बारे में कहा गया है कि स्कन्द पुराण के ब्रह्माण्ड खण्ड का एक श्लोक निम्नानुसार है: - "शूद्र कोटि सहस्त्राणाम् एक विप्र प्रतिष्ठित:। विप्र कोटि सहस्त्राणाम् एक विप्र शिल्पी प्रतिषिठत:।।" अर्थात्: "एक हजार करोड़ शूद्रों के बराबर एक विप्र - ब्राह्मण प्रतिष्ठित (सम्माननीय) होता है, उन एक हजार करोड़ विप्रों - ब्राह्मणों के बराबर एक शिल्पी ब्राह्मण प्रतिष्ठित (सम्माननीय) होता है।" वर्तमान में देखा जाए तो इस समाज के उपरोक्त लोगों में कर्म प्रधानता गौण होती जा रही है यह रचनात्मक इंजीनीयरिंग से दूर होते गए तो वेद पाठ को पूरी तरह से नकार दिए ऐसे में योग्यता से हीनता के बाद श्रेष्ठता का हक जतलाना उस समय तक उचित नहीं जबतक कि श्रेष्ठता रग-रग में न विद्यमान हो जाए। लौहकार काष्ठकार पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं देश के प्रत्येक भूभाग में निलते हैं किन्तु ठठेरा, शिल्पकार व स्वर्णकार को उनके इतिहास के बारे में बतलाना उनको सच से अवगत कराना बहुत आवश्यक है सबसे ज्यादा विषम स्थिति शिल्पकारों की है क्योंकि मुसलमानों के आतंक के समय मूर्ति का बनवाना तथा पारिश्रमिक के बदले हाथ का काट लेना आम था ऐसे में यह जंगलों की ओर भगे और नारकीय जीवन जीने को बाध्य हुए। प्रथम आवश्यकता, समाज के अपने स्वजातीय भाई लोगों को खोजना जन जागृति फैलाना उसके साथ ही उच्च टेक्निकल शिक्षा तथा सांस्कृतिक विरासत को सँजोने के लिए कठोर नियमों के पाबंद करना आवश्यक है। विश्वकर्मा जागरूकता अभियान के तहत इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस अभियान से जुडने के लिए लिंक क्लिक कर समर्थन प्रदान करें। Facebook -   / vishwakarmajagruktaabhiyan   Twitter -   / vj_abhiyan   Instagram-  / vj_abhiyan   अभियान बिना आपके सहयोग के पूर्ण सफलता को प्राप्त नहीं कर सकता ऐसे अभियान को गति प्रदान करने के लिए आर्थिक सहयोग भी करें, आपको बहुत-2 धन्यवाद। Name: Arvind Kumar Account number: 40895134935 IFSC: SBIN0012732 Bank: State bank of India Account type: saving or UPI Id: nnp4di@oksbi संपर्क करें [email protected] #lohar #manu #badhai #kashthkar #thathera #shilpi #shilpkar #luhar #panchal #dhiman #sunar #sonar #swarnkar #murtikar #vishwakarma #lord_vishwakarma #vishwakarma_bhagwan #विश्वकर्मासमाज #विश्वकर्मावंशज #मनु #मय #त्वष्टा #शिल्पी #दैवज्ञ #लौहकार #काष्ठकार #ताम्रकार #शिल्पकार #स्वर्णकार #विश्वकर्माजागरूकताअभियान #विश्वकर्माजागरूकताअभियान #लोहार #बढ़ई #सोनार #कसेरा #ठठेरा #शिल्पकार #Vishwakarma_Samaj #Vishwakarma_Vanshaj #Manu #mai #twasta #Shilpi #devagya #VishwakarmaSamaj #VishwakarmaVanshaj #Lohar #Sonar #Badhai #kashera #thathera #tamrakar #shilpkar #Panchal #Dhiman #Vishwakarma #Sharma #Bhardwaj #ojha #Lord_Vishwakarma #VishwakarmaBhagwan #sunar #luhar #karmkar

Comments