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आप के बाद भी हर घड़ी हमने आपके साथ ही गुज़ारी है || Gulzar Gazal & Nazm In Hindi 1 месяц назад


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आप के बाद भी हर घड़ी हमने आपके साथ ही गुज़ारी है || Gulzar Gazal & Nazm In Hindi

आप के बाद भी हर घड़ी हमने आपके साथ ही गुज़ारी है Gulzar Gazal #poetry @Hrishibharaj @hrishibharaj @  / mutualpoetry   @https://www.youtube.com/ @Hrishibharaj POETRY:- किन्ही बातो की गहराइयों को छू लेना ये ऐसा है जैसे किसी चीज को अच्छे से समझ के, दुसरो को बहुत कम शब्दो में, बहुत ही रोचक ढंग से समझा देना। कुछ आपने एहसासों को दिखाने का तो कुछ अपने एहसासो को बायां करने का हुनर रखते। और जिन्हे ये दोनों चीजे नहीं आती हैं, उन्हें ये शेरो शायरी ये Poetry ये ग़ज़ल मौका देता है कही गयी बातो में खुद को बयां करने का जब इन ग़ज़लों की कोई लाइन दिल में आ लगती है तब एहसास होता है की हा मुझे यही कहना था PHILOSOPHY:- हम जो कुछ भी सोचते है हम जो कुछ भी जिस तरह से देखते है वो सब कुछ देखने और सोचने का तरीका हमारा नहीं होता है,हम जिस समाज में रह रहे होते है वो उस समाज का नज़रिया है ( 90 से भी ज़्यादा प्रतिसत ) Philosophy हमे मौका देता है, हमारे समाज के दिए विचारो से ऊपर उठ कर इस दुनिया के अलग- अलग समाज के अलग- अलग महान विचारको ने जो अलग -अलग नज़रिया ,विचार और सिद्धांत दिए है उनको पढ़ के, समझ के एक बार उनके दिए नजरिये और विचारो से आपने समाज के नजारो को देखें| और दुनिया उसी तरह दिखती है जिस तरह का हमारा नजरिया होता है| SOCIOLOGY:-हर समाज संरचना के अनकहे नियमो पे चलता है, एक पीढ़ी का पाखण्ड अगली पीढ़ी का परम्परा तक बन जाता है। जो परम्परा हम आज देखते है जानते है या सुनते है वो सभी परम्परा किन्ही समय जी जरुरत रही होंगी। आज जरूरत मेहसूस नहीं होती है और यही वजह है की बहुत सी परम्परा आज विलुप्त हो गयीं हैं और बहुत सी होती भी जा रही है। परम्परा के मूल में आप जोर देके देखे और समझे तो उसकी शुरुआत की गड़ना की जा सकती है भारतीय समाज की संरचना वेदो के वैज्ञानिक महान ऋषि मुनियों ने किया है। मै जाति और वर्ण व्यवस्था की बात नहीं कर रहा हु, वो भी कर्म पर आधारित था , कर्म प्रधान था। वेदो के वैज्ञानिक इसलिए क्युकी पैरो का पायल ,बिछिया ;माथे का बिंदी ,मांग का सिन्दूर ,सर का पलू ,मर्दो की पगड़ी ,हाथो की चूड़ी ;हर एक चीज का वैज्ञानिक कारण मौजूद है की क्यों पेहेना जाये इसे मंदिर की संरचनाओं से लेकर त्योहारों की मान्यताओं तक ,हर चीज के पीछे विज्ञानं मौजूद है वो भी सटीक और Absolute. जिस व्यक्ति में समाज का डर खत्म हो जाता है, वो देव या दैत्य का रूप धारण कर सकता है। कोई भी समाज सुचारू ढंग से तब ही काम कर सकता है जब उस समाज में डर की व्यस्था की गयी हो। लोगो में समाज का डर ही लोगो के अंदर बैठे दैत्य को दबाए रखता है समाज में बुराइयाँ नहीं होती ,समाज के लोगो में होती है ,और जिस समाज में बुराइयाँ होती हैं वो समाज पहले ही खत्म हो चुके होते है। PSYCHOLOGY:- बहुत से इंसान गलती करते है और खुद उन्हें तक पता नहीं होता है की उन्होंने क्यू किया ,और कभी कभी तो उन्हें उनकी गलती भी पता चलता है की वो ऐसा कब कर दिए। माना जाता है की इस ब्रम्भाण्ड के बाद कोई चीज ज़टिल है तो वो है हम इंसानो का दिमाग क्यों कहा जाता है की हम इतिहास से बहुत सिख सकते है... क्युकी हम इंसानो के अंदर Maturity हमारी गलतियों की वजह से ही आता है। और इंसानी इतिहास गलतियों का भण्डार है। किसी के भी कुछ करने के तरीके से हम उसके बारे में बहुत कुछ जान और समझ सकते है। इतिहास पढ़ के हम पुरे मानव जाती का मन और सोच का गड़ना कर सकते है उनकी पूरी Psychology जान सकते है। हम इंसान ज्यादा तर अपनी भावनाओं के आघोस में आपने निणय करते है। ... और गलतिया करते है। इंसानी मस्तिष्क और उसकी गतिविधियां को पढ़ के समझना ही साइकोलॉजी नहीं है। ... बल्कि उसमे बेहतरी करना भी Psychology है। SPRITUALITY:- Everything in this universe is the form of vibration or formed by vibration. जब आपके senses बाहर के दृश्य को Perceive करना छोड़ के आपके अंदर जो कुछ है उन सब चीजों को Perceive करने लगता है तो वो आध्यात्मिकता का Process है। हमें धार्मिक नहीं आध्यात्मिक होना है। जब आपकी आँखे बाहरी दृश्य से ज्यादा भीतरी दृश्य को देखने लग जाती हैं जब आपके कान भीतरी आवाज को सुनने लग जाते है जब आप हस्यामैथून का सुख कुण्डलिनी के जागृत होने पर हल पल पाने लगते है तो आप आद्यात्मिक Spritual होते है या होने लगते है। जितना आप उस परम ख़ालीपन Absolute Nothingness को जानने या समझने लगते है। ... या महसूस करते है वो ही Sprituality है। Poetry, Gazal Sayari, kahani, baate ye jaawani, fasaana, dilo ka afsaana Mohbaat, usse paane ki sohbaat kv kabir to kv kavita unkahi baate unsune alfaaz ye anjaana ahsaas Wo unjaana jo h khas koi dur h per yaade h pass kitaabo ki baate miln ki oo raate aise dhero kisse tumhari hamari jindgi ke h jo hai hisse in sab pe baat krenge jab hum tum milenge sayad oo duniya koi aur hoga bas tera mera daur hoga bichadne ka na dar hoga mohbaat aur mohbaat ka hi ghar hoga aisi bahut si baate krenge aapki aur hamari aane wale videos me #poetry #philosophy #sociology #psychology #sprituality #logic #veda #bhagwatgita #sanskriti #meditation #focus #breathe #karma #destiny #intution #universe #lawofuniverse #lawofattraction #lawofgender #lawofvibration #lawofrhythm #kundalini #chakras #muladhar #svadhisthana #manipura #samaj #thinking #gyan #cosmos #energy #vashna #khushi #secret #paradox #mystery #shayari #prem #alfazz #dard #birah #emotions #hrishibharaj #love #thought If You Like My Video Hit The Like & Do Subscribe Music Copyright:- https://pixabay.com/music/search/craz... THANKS FOR WATCHING

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