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#SocialProtocols #स्त्री_और_पुरुष_के_बीच_की_दूरी #harshvardhanjainmotivation Your behavior is a reflection of your character. So whenever you talk to someone, try to represent the best of your character. The image you present will remain alive for eternity. व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का परिचय अपने व्यवहार से देता है। आपका व्यवहार आपके बीते हुए कल का प्रतिबिंब होता है। इसलिए आप जब भी किसी व्यक्ति से बात करें तो अपने सर्वश्रेष्ठ अवसर का लाभ उठाने का प्रयास करें। आप जैसी छवि प्रस्तुत करेंगे, वही छवि अनंत काल तक सजीव बनी रहेगी। सर्वश्रेष्ठ लोगों ने अपने सर्वश्रेष्ठ पहलू को सबके सामने रखा। इसीलिए वे सर्वश्रेष्ठ और महान कहलाए, तो आप अपने सर्वश्रेष्ठ पहलू को लोगों के सामने प्रस्तुत क्यों नहीं कर सकते। सिर्फ एक आदत ही बनानी पड़ेगी। यही आदत आपको हर जगह पर सर्वश्रेष्ठ स्वरूप प्रस्तुत करने का अवसर देगी। आप जहां कहीं भी बोलेंगे, सर्वश्रेष्ठ बोलेंगे। आप जिससे मिलेंगे, आपका व्यवहार सर्वश्रेष्ठ होगा। आप जिस व्यक्ति से मिलेंगे, आपका प्रभाव सर्वश्रेष्ठ होगा और जहां भी अवसर मिलेगा आप सर्वश्रेष्ठ ज्ञान ग्रहण करने का प्रयास करेंगे। जिससे आपका भविष्य आपके सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के परिणाम स्वरूप जाना जाएगा। इसलिए यदि सीखना है तो सर्वश्रेष्ठ गुणों को सीखने का प्रयास करें, सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को ग्रहण करने का प्रयास करें और सर्वश्रेष्ठ सिद्धांतों का अनुसरण करने का प्रयास करें। विश्वास कीजिए आप इतिहास में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करेंगे। चरित्रवान व्यक्ति अपनी मर्यादाओं का विशेष ध्यान रखते हैं। वे मर्यादाओं को ही अपना कर्तव्य समझते हैं। वहीं दूसरी ओर, मर्यादा विहीन व्यक्ति स्वयं अपना ही शत्रु बन जाता है। मर्यादा वह सीमा रेखा होती है जो किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत सीमा रेखा होती है। उस सीमा रेखा को लांघने का प्रयास करने वाले रावण के समान विनाश को प्राप्त होते हैं और मर्यादा की सीमा रेखा का सम्मान करने वाले श्रीराम की तरह पूजे जाते हैं। सफलता का साम्राज्य भी इसी तरह का होता है। जो व्यक्ति सफलता के शिखर पर विराजमान होना चाहता है, उसे सामाजिक नियमों और सिद्धांतों का पालन अवश्य करना चाहिए। इसलिए सफलता की सीढ़ी बनाना आसान है, लेकिन यदि मर्यादा की सीढ़ी नहीं बनाई तो सफलता की सीढ़ी टूटने में देर नहीं लगती है। सफलता का साम्राज्य ढहने में देर नहीं लगती है। पूरा जीवन लग जाता है अपनी छवि बनाने में, अपनी पहचान बनाने में, अपना चरित्र बनाने में और अपने शानदार सिद्धांत बनाने में। लेकिन सिर्फ एक पल ही काफी है विनाश को न्योता देने के लिए। समाज स्त्री और पुरुष के संयोग से बनता है। यहीं से एक नई मर्यादा का प्रारंभ होता है। जब आप किसी भी व्यक्ति से मर्यादापूर्ण व्यवहार करते हैं, तब आपके चरित्र का सूर्योदय होता है और आपका प्रभाव प्रकाशमय हो जाता है। किसी भी स्त्री का सम्मान नदी के दो किनारो की तरह किया जाना चाहिए। जैसे नदी के दोनों किनारे एक दूसरे की सीमाओं का कभी उल्लंघन नहीं करते हैं। उसी प्रकार आपको भी दूसरों की सीमा रेखाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए क्योंकि यदि आप दूसरों की सीमा रेखा में अतिक्रमण करते हैं, तो कोई दूसरा व्यक्ति भी आपकी सीमा रेखा में अतिक्रमण कर सकता है। इस प्रकार यह सामाजिक दूरी आपकी सफलता के लिए सुरक्षा कवच बन जाती है। आप जितना चरित्रप्रधान बनते जाएंगे, समाज में आपका सम्मान सूर्य के समान बढ़ता जाएगा। CONTACT US: 📧 Email: [email protected] 📱 Mobile: +918824183845 FOLLOW US: 🐦 Twitter: https://bit.ly/495B7dZ 📷 Instagram: https://bit.ly/471K3PW 📘 Facebook: https://bit.ly/3QaTRzY 📢 Telegram: https://bit.ly/3tEojeh JOIN OUR MEMBERSHIP: 💻 Click this link to join: https://bit.ly/3M8HkMA VISIT OUR WEBSITE: 🌐 www.harshvardhanjain.in ! आव्हान ! प्यासे का नदी से मिलना तय है | 🎥 https://bit.ly/3s5zFYA