У нас вы можете посмотреть бесплатно भगवान परशुराम और श्री गणेश में क्यों हुआ इतना भयंकर युद्ध || Parshuram or Ganesh Yudh или скачать в максимальном доступном качестве, которое было загружено на ютуб. Для скачивания выберите вариант из формы ниже:
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दरअसल भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी ने घोर तपस्या कर भगवान शंकर को प्रसन्न कर लिया था जिसके बाद भगवान शंकर ने परशुराम को परसु हत्या दिया जिससे वह धरती पर विधि का कार्य कर सकते थे तब परशुराम जी ने धरती पर अपना कार्य पूरा किया और वह भगवान शंकर का धन्यवाद करने के लिए कैलाश पहुंचे परंतु उन का रास्ता गणेश जी ने रोक लिया क्योंकि भगवान शंकर ध्यान मुद्रा में थे और उन्होंने गणेश जी से किसी को भी उनके पास ना आने को कहा था जब परशुराम जी ने गणेश जी से आग्रह किया कि भगवान शंकर उनके आराध्य हैं और उनसे मिले बिना वो वहां से नहीं जाएंगे परंतु गणेश जी ने उनकी कोई बात नहीं सुनी तब परशुराम जी क्रोध में आ गए और गणेश जी से युद्ध के लिए कहने लगे गणेश जी के पास के सिवा कोई चारा नहीं था तब दोनों में बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ Why Lord Ganesha and Parshuram Fight परशुराम जी ने अपनी हर स्तर का इस्तेमाल किया लेकिन गणेश जी पर किसी भी अस्त्र का कोई असर नहीं हो रहा था तब अंत में परशुराम जी ने भगवान शंकर से वरदान में मिले परसु से गणेश जी पर वार किया गणेश जी उसको रोकने में भी सक्षम थे परंतु वह भगवान शंकर के वरदान का अनादर नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने उस अस्त्र का भार अपने एक दांत पर ले लिया और उनका एक दांत खंडित हो गया तब माता पार्वती को पुकारने लगे और माता पार्वती जी गणेश जी का एक दांत टूटे देख कर क्रोधित हो गई क्रोध की अग्नि से वो दुर्गा अवतार में आ गई परशुराम जी भी अपनी भूल समझ चुके थे तब गणेश जी ने माता पार्वती को शांत किया उन्होंने कहा कि परशुराम जी का क्रोध में आना स्वाभाविक था क्योंकि उन्होंने उन्हें अपने आराध्य से मिलने से रोका था तब माता पार्वती की शांत हुई और परशुराम जी ने भी अपनी गलती मान ली और उन्होंने कहा कि ऐसी सहनशीलता और आदर उन्होंने किसी और देव में नहीं देखा इतना ध्यान करने के बाद भी ऐसे महान को नहीं पा सके परशुराम जी ने यह कहा कि गणेश जी का खंडित दांत वयर्थ नहीं जाएगा इससे एक महान कथा महाभारत लिखी जाएगी और बाद में गणेश जी ने इसी खंडित दांत से महर्षि व्यास जी के शब्दों को लिखा तब से ही गणेश जी को सबसे सहनशील कहा जाने लगा और उनके एक दांत खंडित होने के कारण उनका नाम एक दन्त पड़ा और उन्हें सबसे प्यारी और विनम्र देव की तरह पूजा जाने लगा . Video Name - Om Namah Shivay #Episode- 95 Copyright - Creative Eye Private Limited Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi