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देखिये नर और नारायण की तपस्या अप्सरा क्यों भंग करना चाहती थी अपने खुंगर की खनक से Nar Narayan Story 3 года назад


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देखिये नर और नारायण की तपस्या अप्सरा क्यों भंग करना चाहती थी अपने खुंगर की खनक से Nar Narayan Story

महाभारत के अनुसार केदार और बदरीवन में नर-नारायण नाम के दो भाइयों ने घोर तपस्या की थी। इसलिए यह स्थान मूलत: इन दो ऋषियों का स्थान है। दोनों ने केदारनाथ में शिवलिंग और बदरीकाश्रम में विष्णु के विग्रहरूप की स्थापना की थी। केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पति की कथा शिव पुराण में तब आती है जब नर और नारायण शिव की अराधना कर रहे होते हैं। भगवान शिव की प्रार्थना करते हुए दोनों कहते हैं कि शिव आप हमारी पूजा ग्रहण करें। नर और नारायण के पूजा आग्रह पर भगवान शिव स्वयं उस पार्थिव लिंग में आते हैं। इस तरह पार्थिव लिंग के पूजन में वक्त गुजरता जाता है। एक दिन भगवान शिव खुश होते हैं और नर व नारायण के सामने प्रकट होकर कहते हैं कि वो उनकी अराधना से बेहद खुश हैं इसलिए वर मांगो। नर और नारायण कहते हैं, हे प्रभु अगर आप प्रसन्न हैं तो लोक कल्याण के लिए कुछ कीजिए। भगवान शिव कहते हैं कि कहो क्या कहना चाहते हो। इस पर नर और नारायण कहते हैं कि जिस पार्थिव लिंग में हमने आपकी पूजा की है उस लिंग में आप स्वयं निवास कीजिए ताकि आपके दर्शन मात्र से लोगों का कष्ट दूर हो जाए। दोनों भाइयों के अनुरोध से भगवान शिव और प्रसन्न हो जाते हैं और केदारनाथ के इस तीर्थ में केदारेश्वर ज्योतिलिंग के रुप में निवास करने लगते हैं। इस तरह केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पति होती है। महाभारत अनुसार पाप से मुक्त होने के बाद केदारेश्वर में स्थित ज्योतिर्लिंग के आसपास मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने हाथ से किया था। बाद में इसका दोबारा निर्माण आदि शंकराचार्य ने करवाया था। इसके बाद राजा भोज ने यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। Video Name - Om Namah Shivay #Episode-66,67 Copyright - Creative Eye Private Limited Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi

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