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इन्द्रियों के पीछे की इन्द्रिय है मन || आचार्य प्रशांत, गुरु नानक पर (2014) 4 года назад


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इन्द्रियों के पीछे की इन्द्रिय है मन || आचार्य प्रशांत, गुरु नानक पर (2014)

आचार्य प्रशांत जी की शिक्षाओं से जुड़ने हेतु इस फॉर्म को भरें: http://acharyaprashant.org/enquiry?fo... सहयोग करने, तथा स्वयंसेवक बनने के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ: http://acharyaprashant.org Patreon के माध्यम से योगदान करें:   / prashantadvaitfoundation   PayPal के माध्यम से योगदान करें: http://paypal.me/PrashantAdvait आचार्य प्रशांत जी से संपर्क के माध्यम: ~~~~~~~~~~~~~ १. बोधसभाएँ: आचार्य जी प्रत्येक माह कई बार खुली बोधसभाओं एवं जनसभाओं को संबोधित करते हैं, एवं अनगिनत जिज्ञासुओं की समस्याओं का समाधान करते हैं। इन सभाओं में आप प्रत्यक्ष रूप से भी सम्मिलित हो सकते हैं, और ऑनलाइन भी। सहभागिता सभी के लिए निशुल्क है। भाग लेने के लिए हमारी वेबसाइट (http://acharyaprashant.org) पर जाएँ, या संपर्क करें: +91 9650585100 / 9643750710. ~~~~~~~~~~~~~ २. आचार्य जी से निजी मुलाक़ात: वे भाग्यशाली लोग जिनके मन में आचार्य जी के संग निजी समय बिताने की इच्छा उठती हो, उनके लिए ये अनूठा अवसर है। आप स्काइप द्वारा, या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर आचार्य जी से आमने-सामने मिल सकते हैं, तथा अपने सवालों तथा समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। ई-मेल भेजें: [email protected] या सम्पर्क करें: +91 9650585100 / 9643750710 ~~~~~~~~~~~~~ ३. बोध शिविर: देश भर में आयोजित करे जाने वाले इन शिविरों का एक अलग ही माहौल होता है। शास्त्रों का अध्ययन, मन का गहरा अवलोकन, संगीत, नृत्य, ध्यान, इत्यादि इन शिविरों के मुख्य बिंदु होते हैं। पिछले १० वर्षों में आचार्य प्रशांत जी के नेतृत्व में आयोजित सैकड़ों बोधशिविरों का लाभ हज़ारों प्रार्थी उठा चुके हैं। देश के प्रमुख महानगरों में तो ये शिविर आयोजित होते ही हैं, साथ ही हिमालय के शांत एवं निर्मल स्थलों पर भी इनका आयोजन किया जाता है। अगले बोध शिविर का हिस्सा बनने हेतु ईमेल करें: [email protected] या संपर्क करें: +91 9650585100 / 9643750710 ~~~~~~~~~~~~~ ४. आध्यात्मिक ग्रंथों पर कोर्स (हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में): प्रशांतअद्वैत फाउंडेशन द्वारा संचालित ये कोर्स मनुष्यता में शांन्ति एवं बोध स्थापित करने की दिशा में एक अनोखा कदम है। इस कोर्स में मूलतः आध्यात्मिक शास्त्रों एवं संत-साहित्य का अध्ययन किया जाता है। आध्यात्मिक ग्रंथों पर गहन अध्ययन करके, उन्हें रोज़मर्रा के जीवन में घटने वाली सभी घटनाओं से जोड़ा जाता है। चुनिंदा ग्रन्थों जैसे श्रीमदभगवद्गीता, उपनिषद, ब्रह्मसूत्र, अष्टावक्र गीता, कबीर साखीग्रंथ इत्यादि का अध्ययन करके उनमें निहित अलौकिक रहस्यों को उजागर किया जाता है। सत्रों का शिक्षण स्वयं आचार्य जी द्वारा किया जाता है। इन सत्रों का ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के ज़रिये प्रसारण किया जाता है। इस सुविधा से कोई भी व्यक्ति, दुनिया के किसी भी कोने से, आचार्य जी से प्रश्न पूछ कर उत्तर पा सकता है। भाग लेने हेतु ईमेल करें: [email protected] या संपर्क करें: +91 9650585100 / 9643750710 ~~~~~~~~~~~~~ आचार्य प्रशांत जी की पुस्तकें अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं: अमेज़न: http://tinyurl.com/Acharya-Prashant फ्लिपकार्ट: http://tinyurl.com/AcharyaBooks ~~~~~~~~~~~~~ सोशल मीडिया: हिन्दी वीडियो:    / shriprashant   अंग्रेज़ी वीडियो:    / acharyaprashant   हिंदी लेख: https://sahitya.acharyaprashant.org अंग्रेज़ी लेख: https://literature.acharyaprashant.org फेसबुक (हिन्दी):   / acharya.prashant.advait   फेसबुक (अंग्रेज़ी):   / advait.acharya.prashant   ट्विटर (हिन्दी):   / hindi_ap   ट्विटर (अंग्रेज़ी):   / prashant_advait   इन्स्टाग्राम (हिन्दी):   / acharya_prashant_hindi   इन्स्टाग्राम (अंग्रेज़ी):   / prashant_advait   ~~~~~~~~~~~~~ वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग २७ अगस्त २०१४ अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा प्रसंग: मन क्या है? क्या मन और इन्द्रिया दोनों एक ही हैं? इन्द्रिया को वश में कैसे करें? क्या मन इन्द्रियों का आधार है? संगीत: मिलिंद दाते

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